कभी भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र की शान रहे ये दोनों भाई अब बने दुश्मन
सुमन कुमार
किसी दौर में भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी रैनबैक्सी लेबोरेटरी में 34 फीसदी से अधिक की भागीदारी रखने वाले, बाद में उस हिस्से को बेचकर देश में फोर्टिस हेल्थकेयर जैसा शानदार कॉरपोरेट अस्पताल समूह और रेलीगेयर समूह खड़ा करने वाले दो भाई अब एक दूसरे के दुश्मन बन चुके हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं, मालविंदर मोहन सिंह और शिवइंदर मोहन सिंह के। भारतीय दवा उद्योग के शीर्ष पुरुष भाई मोहन सिंह के ये दोनों पोते किसी दौर में एक-दूसरे पर जान छिड़कते थे मगर 17 फरवरी का दिन इस भाईचारे के लिए बुरा दिन साबित हुआ।
दरअसल बड़े भाई मालविंदर मोहन सिंह ने अपने छोटे भाई शिवइंदर सिंह, राधा स्वामी सत्संग व्यास के सर्वेसर्वा स्वामी गुरिंदर ढिल्लों, रेलिगेयर के पूर्व एमडी और चेयरमैन सुनील गोधवानी, सुनील के भाई संजय गोधवानी, गुरकिरत सिंह ढिल्लों, गुरप्रीत सिंह ढिल्लों, शबनम ढिल्लों तथा अन्य के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने, वित्तीय धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।
नई दिल्ली में मालविंदर ने आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष दर्ज अपनी शिकायत में गुरिंदर सिंह ढिल्लों ऊर्फ बाबा पर अपने वकील फेरिदा चोपड़ा के जरिये उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। मालविंदर की शिकायत के अनुसार चोपड़ा ने उन्हें धमकी दी कि यदि वह (मालविंदर सिंह) गुरिंदर सिंह ढिल्लों की बातों को मानने पर सहमत नहीं होता है तो उसे राधास्वामी सत्संग के लोगों द्वारा समाप्त कर दिया जाएगा।
मालविंदर मोहन सिंह ने आरोप लगाया है कि शिवइंदर मोहन सिंह ने ढिल्लों परिवार और सुनील गोधवानी के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनी का पैसा भारी मात्रा में गबन किया।
मालविंदर का आरोप है कि शिवइंदर मोहन सिंह और सुनील गोधवानी ने साजिश के तहत अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर दो अन्य कंपनियों -रेलिगेयर एंटरप्राइजिज लिमिटेड और रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड- में गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
वैसे दिलचस्प तथ्य यह है कि रैनबैक्सी लेबोरेटीज के नए मालिक, जापान की कंपनी दाइची सैंक्यो के साथ एक आर्बिट्रेशन के मामले में सिंह बंधुओं की हार के बाद जब फोर्टिस और रेलिगेयर दोनो समूह अचानक गंभीर वित्तीय संकट में फंसे तभी से दोनों भाइयों में मतभेद उभर गए थे। आज जो आरोप मालविंदर मोहन सिंह लगा रहे हैं यही आरोप पिछले साल सितंबर में शिवइंदर मोहन सिंह लगा चुके हैं और उन्होंने अपने बड़े भाई के खिलाफ मामला भी दर्ज करा दिया था मगर बाद में अपनी मां के कहने पर उन्होंने अपना केस वापस ले लिया था।
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